4th November 2024

POSITIVE PEOPLE : POSITIVE INDIA

 IAS KRISHNA TEJA

 

लाल फ़ीताशाही के तानाशाह रवैये के तमाम क़िस्से भले ही मशहूर हों लेकिन केरल में सरकारी तंत्र और डेप्यूटी कलेक्टर ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जो उन तमाम क़िस्सों को फीका कर देता है ।

दरअसल केरल का ज़िला आलप्पूझा , पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है , लेकिन पिछले साल की धुआँधार बरसात से आए बाढ़ ने इस जिले को बहुत बुरी तरह अस्तव्यस्त कर दिया । राहत कार्यों से ज़िंदगी वापस तो उठ खड़ी हुई लेकिन उसकी चलने की शक्ति बाढ़ में तबाह हो चुकी थी ।

ऐसे में आलप्पुझा के उप ज़िला अधिकारी की सोच और कड़ी मेहनत ने वो कर दिखाया जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी ।

इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया । इसकी शुरुआत हुई जब वो ‘ आई एम फ़ॉर  एलप्पी’ नामक अभियान के तहत कुन्नुम्मा के उस हेल्थ केयर सेंटर में पहुँचे जहाँ बाढ़ पीड़ित हज़ारों परिवारों को आश्रय मिला था । इस इमारत की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता की ज़रूरत थी । इमारत के ढाँचे और इसके रखरखाव के लिए मदद की गुहार करती सोशल मीडिया पर पहली पोस्ट डाली गई । जल्द ही मदद के लिए आँध्र प्रदेश की एक मलयाली महिला का जवाब आया जिन्होंने इमारत के पुनरुद्धर के लिए ८ लाख रुपए की पहली रक़म जमा की । इस तरह की प्रतिक्रिया से  श्री तेजा के मनोबल को बढ़ावा मिला । उन्होंने पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए अपनी टीम के साथ उन क्षेत्रों की एक लिस्ट बनाई जहाँ फ़ौरन मदद की ज़रूरत थी । ये क्षेत्र थे  पशु दान , विद्यार्थी पुनर्वास , दिव्यांग पुनर्वास , वरिष्ठ नागरिक पुनर्वास , महिला प्रधान परिवार पुनर्वास , वृक्षारोपण, आधारिक संरचना पुनर्वास , स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राहत और मछुआरों का पुनर्वास ।

इस सूची पर योजनाबद्ध तरीक़े से समय सीमा निर्धारित कर काम आरम्भ किया गया ।

मेहनत रंग लाई।  डेयरी उद्योग से जुड़े उन लोगों को पशु दान और आर्थिक सहायता ने एक बार फिर पैरों पर खड़ा होने में मदद की ।

४०,००० बच्चों तक स्टेशनरी, स्कूल बैग जैसी ज़रूरी चीज़ें पहुँचाने का प्रयास सफल हुआ जिससे जल्द ही स्कूलों में विद्यार्थियों की पूरी उपस्थिति सम्भव हो सकी जबकि पूर्व में आलप्पुझा में बाढ़ के बाद स्कूलों में पढ़ाई लिखाई शुरू होने में ३/४ महीने का समय लगता था ।

लोगों ने आगे बढ़कर अनेक आँगनवाडियों और स्कूलों को गोद लिया और कई बच्चों की स्कालरशिप शुरू हो गई ।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित मेगा मेडिकल कैम्प में लोगों की मदद से दो महीने की दवाइयों , भोजन और प्रोटीन सप्लीमेंट का प्रबंध किया गया ।

महिला प्रधान परिवारों की सहायता के लिए आवश्यक सामानों और संसाधनों का प्रबंध किया गया ।

बाढ़ के कारण तबाह हुई हरियाली को पुनः वापस लौटाने के लिए वृहत स्तर पर वृक्षारोपण किया गया ।

बाढ़ में सब कुछ गँवा बैठे मछुआरो की सहायता के लिए ज़रूरी सामान उपलब्ध करवाए गए ।

इस तरह बाढ़ के विनाश से आहत हुए इस स्थान में ज़िंदगी वापस लौटी है और बाक़ायदा चलने लगी है । राहत अभियान आज भी जारी है ताकि एक बार फिर यहाँ ज़िंदगी पूरी ताक़त से दौड़ने लगे ।

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