कोलकाता की मिठास और संगीत के लिए पूरा समर्पपण – इन दो विशेषताओं से बना है व्यक्तित्व गायिका देबरति चक्रवर्ती का ….जिन्होंने बोलना सीख उससे पहले सुरों को पहचानना सीख लिया था ,घर में माँ को गाने का शौक था और पिता जाने माने तबला वादक थे , देबरति बचपन से ही गाने लगीं .
Debarati Chakraborty belongs to a family of music
connoisseur having her father, Sri Ajit Kumar Chakraborty, a diverse talent (notably popular for
playing the ‘tabla’), as her first and foremost ‘guru’. She received training on recitation, kathak
dance and music, simultaneously .
बचपन को याद करते हुए देबरति बताती हैं ,’ घर में गाने का माहौल था , लेकिन गाने सुनाने के मामले में बाबा ने नियम बनाये थे, हमे शास्त्रीय संगीत सुनने को कहा जाता था ,फ़िल्मी गाने सुनने की मनाही थी , लेकिन वो गाने हमें बहुत पसंद थे , तो हम कालोनी में दुसरे घरों में जाते और आरती मुख़र्जी, हेमंत कुमार , मोहम्मद रफ़ी जैसे गायकों के गाने सुनते थे “
पहले गुरु उनके पिता थे और फिर तीन साल की उम्र से ही उन्होंने भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया . जो सीख पिता से सीखा और गुरुओं से पाया ,अब तक अनेक अवार्ड्स हासिल करने और तमाम music competition जीतने वाली देबरति को आज भी याद है वो दिन जब कोलकाता की मशहूर संगीत प्रतियोगिता The Doverlane Music conference में उन्सेहोंने अपने बाबा का लिखा और कम्पोज़ किया हुआ गाना गाया था और अवार्ड हा
सिल किया था .
Debarati is blessed with ‘talim’
from a number of ‘gurus’
notably Smt. Swati Nandi,
Sri Swapan Mukherjee
smt. Krishna Majumdar,
Smt. Haimanti Shukla and
Sri Sandip Nag.
देबरति कहती हैं ,” जीवन में गुरु का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, कभी कोई परेशानी हो या मन उदास हो और गुरु से कह दूं मन हल्का हो जाता है” उन्हें बचपन से लिटरेचर में इंटरेस्ट रहा है ,आज वो एक स्कूल में पढ़ाती हैं और संगीत साधना करती हैं . जीवन में संगीत यात्रा में कई यादगार पड़ाव आये हैं लेकिन आज भी वो भूल नहीं पाती है आकाशवाणी कोलकाता का वो प्रोग्राम जिसके लिए उन्हें सुबह ६ बजे रेडियो स्टेशन पहुँच जाना था . देबरति सुबह ४ बजे तैयार होने के लिए जागीं तो उन्हें तबियत ख़राब सी महसूस हुई , और कुछ ही देर में उन्हें उल्टियां होने लगीं , देबरति बताती हैं ,” तबियत इतनी बिगड़ चुकी थी कि मैं उठ भी नहीं पा रही थी , पति ने रेडियो स्टेशन फोन किया , और मेरी हालत के बारे में बताया , वहां स्थिति संभाली गयी, लेकिन मेरा मन बहुत परेशान था , इस तरह प्रोग्राम में न पहुचने का पता नहीं क्या असर हो, हालाकि डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के साथ मैं लिखित रूप में खेद व्यक्त कर चुकी थी , फिर भी एक चिंता बनी हुई थी ,एक महीने बाद वहां से प्रोग्राम के लिए बुलावा आया , वो प्रोग्राम बहुतअच्छा हुआ.
अब तक देबरति चक्रवर्ती अनेक अवार्ड्स और सम्मान हासिल कर चुकी हैं , जिनमे Nazrul Geeti category में All Bengal Teacher’s Associationद्वारा 1st prize ,The Dover Lane Music Conference द्वारा Certificate of Excellence, Renaissance Artists’ & Writers’ Association की और से Bhoktimulak Gaan and title – Rawa Ratna के लिए 1st prize , Vajan category में Paschimbanga Rajya Sangeet Academy द्वारा प्रथम पुरस्कार और ऐसे ही अनेक सम्मान शामिल हैं ,“SANJIBANI”और “ABAR NOTUN” नाम से उनके दो Musical albums रिलीज़ हो चुके हैं .
अब तक “घर पर रहें ,घर पर सुनें ” मुहीम में अब तक देबरति चक्रवर्ती कई गाने गा चुकी हैं.
“मिष्ठी दोई ” जैसी आवाज़ और वैसे ही अंदाज़ की स्वामिनी देबरति चकवर्ती संगीत को अपना पैशन मानती हैं उनका सपना है कि वो अपने बाबा की कोम्पोजीशंस गाकर एक एलबम रिलीज़ करें .
Notable Stage Performances of Debarati Chakraborty
Stage of Paschimbanga Rajya Sangeet Academy in 2002 , Madhusudan Mancha (Bangla
Sangeet Mela) in 2004, Science City Auditorium organized by RAWA in 2011, Jibanananda
Sabhaghar organized by RODDUR in 2011, programme organized by Ragini Shantipur in 2013, 90.4
Community Radio at Satyajit Ray Film And Television Institute in 2013, Srijan TV in 2013, Triguna
Sen Auditorium organized by Satyadeb Music Sammelon in 2016 and 2017, Chetla Murari Smriti
Sangeet Sammelon in 2018 and many more.
Notable TV performances :
“Gaanvasi Live” on Tara TV in 2016, “Aaj Sakaler Amontrone” on Tara TV in 2016 and 2017,
“Cha Toast and Sports” on Zeal TV in 2016, “Sokal Sokal” on DD Bangla in 2017, 2018, 2019 and
2020, “Aaji e Provate” on Ruposi Bangla in 2019
Area of speciality : Puratani Bangla Gaan, Thumri, Gazal, Bhoktimulok Gaan, Vajan, Rag
prodhan Bangla Gaan, Rabindra Sangeet, Nazrul Geeti, Adhunik Bangla
Gaan
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